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TradeUnionsStrike :|| भारत बंद 9 जुलाई 2025: मज़दूर संगठनों की देशव्यापी हड़ताल ने जनजीवन पर डाला असर, कुछ राज्यों में सेवाएं ठप

 भारत बंद 9 जुलाई 2025: मज़दूर संगठनों की देशव्यापी हड़ताल ने जनजीवन पर डाला असर, कुछ राज्यों में सेवाएं ठप

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TradeUnionsStrike

🛑 हाइलाइट्स में भारत बंद – 9 जुलाई 2025

🔸 केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (CTUs) द्वारा आयोजित 24 घंटे की हड़ताल ने देश के कई हिस्सों में असर दिखाया।
🔸 केरल, झारखंड और पुडुचेरी जैसे राज्यों में सेवाओं पर खासा असर पड़ा, जबकि दिल्ली, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में असर क्षेत्र विशेष तक सीमित रहा।
🔸 यह हड़ताल 17 सूत्रीय मांग पत्र के समर्थन में बुलाई गई थी, जिसमें श्रमिक अधिकार, सामाजिक सुरक्षा और मजदूरी सुधार जैसे मुद्दे शामिल हैं।


🔻 राज्यवार भारत बंद का हाल:

📍 केरल:

यहां जन परिवहन लगभग पूरी तरह ठप रहा। प्राइवेट और लॉन्ग डिस्टेंस बस सेवाएं बंद होने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


📍 पश्चिम बंगाल:

बंद के दौरान कई जिलों में वामपंथी संगठनों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। टीएमसी समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की खबरें आईं। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई।


📍 असम:

चाय बागानों के मज़दूरों सहित कई यूनियन कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
बसे, ट्रक और अन्य कमर्शियल गाड़ियां सड़कों से नदारद रहीं।
हालांकि, स्कूल बसें और आपातकालीन सेवाएं जारी रहीं।


📍 तेलंगाना (हैदराबाद):

हज़ारों यूनियन सदस्य लाल झंडों के साथ सड़कों पर उतरे।
CITU, TUCI, AIUTUC सहित कई यूनियनों ने केंद्र सरकार की "श्रम विरोधी नीतियों" के खिलाफ रैली की।
बाघलिंगमपल्ली से चिकलपल्ली तक मार्च किया गया।


📍 दिल्ली:

दिल्ली में हड़ताल का कोई असर नहीं देखा गया।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि राजधानी के 700 से अधिक बाज़ार और 56 औद्योगिक क्षेत्र सामान्य रूप से खुले रहे।
कनॉट प्लेस और खान मार्केट में भी व्यापार सामान्य रूप से चलता रहा।


📍 कर्नाटक (मैसूर):

यहां औद्योगिक उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा।
हालांकि, मजदूर संगठनों ने चार श्रम संहिताओं के विरोध में रैली निकाली और सरकार को संदेश देने की बात कही।


📍 हावड़ा, पश्चिम बंगाल:

CPI(M) समर्थकों ने बंदर रेलवे स्टेशन पर रेल पटरी पर बैठकर विरोध दर्ज कराया।


🗣️ सरकारी पक्ष:

श्रम मंत्रालय ने दावा किया कि 213 यूनियनों, जिनमें RSS समर्थित भारतीय मजदूर संघ (BMS) भी शामिल है, ने बंद में शामिल न होने की सूचना दी है।


🔚 निष्कर्ष:
भारत बंद का असर राज्यों विशेष तक सीमित रहा। कुछ राज्यों में जनजीवन बाधित हुआ, तो कहीं सामान्य दिनचर्या चलती रही। यह हड़ताल श्रमिकों के अधिकारों को लेकर एक बड़ी चेतावनी मानी जा रही है।


📣 आपका क्या मानना है? क्या सरकार को मज़दूरों की मांगें माननी चाहिए? कमेंट करें और इस पोस्ट को शेयर करें।

✍️ रिपोर्ट: पीटीआई व स्थानीय संवाददाता
📰 डिजिटल प्रस्तुति: Pragati Education 24

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